आजकल के दौर में बदलते हुए लाइफस्टाइल के चलते कई सारी बीमारियां तेजी से फैल रही है, उसमें से एक बीमारी है थायराइड, जिससे सबसे ज्यादा महिलाएं ग्रस्त होती हैं।
महिलाओं में थायराइड की बीमारी होने का सबसे बड़ा कारण उनकी लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही खानपान में लापरवाही बरतने की वजह से यह बीमारी तेजी से फैल रही है। भारत में हर 10 में से एक व्यक्ति को थायराइड की समस्या पाई जाती है।
थायराइड की बीमारी होने की वजह से मरीजों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं जैसे कि नींद न आना, ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा पसीना होना, हाथ कपकपाना, दिल की धड़कन का अनियमित होना, कमजोर महसूस होना, चिंता आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
शुरुआती स्तर पर थायराइड की बीमारी का पता नहीं चल पाता है लेकिन धीरे-धीरे इसके लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। इसका सबसे प्रमुख लक्षण मरीज का वजन तेजी से बढ़ना है। ज्यादातर यह हार्मोन की गड़बड़ी की वजह से होता है।
जिन्हें थायराइड की बीमारी है वह इसका इलाज कई तरह से करते हैं लेकिन आज हम आयुर्वेद पद्धति के इलाज के बारे में जानेंगे जिससे समय रहते इस बीमारी पर काबू किया जा सके।
गोमूत्र अर्क से थायराइड को कंट्रोल करें :-
आयुर्वेदिक तरीकों में गोमूत्र अर्क का प्रयोग थायराइड को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है क्योंकि यह औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें पोटैशियम, मैग्निशियम, क्लोराइड, फास्फेट, अमोनिया, कैरोटीन जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं और यह तत्व सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
गौमूत्र अर्क का सेवन करने से शरीर के अंदर के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद मिलती है, साथ ही इससे वजन को कम करने, पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने और दांत से जुड़े समस्याओं का इलाज करने में मदद मिलती है।
इसलिए आयुर्वेद में थायराइड के मरीजों को रोजाना खाली पेट एक चम्मच गोमूत्र अर्क को एक गिलास पानी के साथ पीने की सलाह दी जाती है।
त्रिकुटा चूर्ण से थायराइड का इलाज :-
थायराइड के इलाज में त्रिकुटा भी काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए सौंफ, कालीमिर्च, छोटी पीपल को बराबर मात्रा में मिलाकर उन्हें अच्छी तरीके से कूट के त्रिकुटा चूर्ण बनाया जाता है। इससे पेट से परेशानियों को भी दूर करने में मदद मिलती है और थायराइड के रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद होते हैं।
एलोवेरा और आंवला का जूस :-
थायराइड की समस्या को कंट्रोल करने के लिए थायराइड के मरीजों को एलोवेरा और आंवले का जूस का सेवन करने की सलाह दी जाती है। थायराइड की समस्या को कम करने के लिए इसके मरीजों को रोजाना खाली पेट सुबह एलोवेरा और आंवले के जूस का सेवन करने से काफी फायदा मिलता है।
लौकी का इस्तेमाल :-
थायराइड के इलाज में थायराइड के मरीजों को लौकी का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लौकी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन बी और मिनरल भरपूर मात्रा में पाया जाता है और यह थायराइड को कंट्रोल करने में बहुत असरदार होता है। सर्दियों के मौसम में थायराइड के मरीजों को रोजाना सुबह खाली पेट लौकी के जूस का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।
त्रिफला चूर्ण :-
थायराइड के मरीजों के लिए त्रिफला चूर्ण भी बहुत फायदेमंद होता है। इसे बाजार से भी खरीदा जा सकता है और घर पर भी बनाया जा सकता है। इसमें हरड़, बहेड़ा, आंवला को समान मात्रा में लेकर अच्छी तरीके से कूट कर इसका जो तैयार किया जाता है।
मेथी दाना का प्रयोग :-
थायराइड के मरीजों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होती है। थायराइड पर काबू पाने के लिए मरीजों को मेथी दाने को पानी में भिगोकर सेवन करने की सलाह दी जाती है।
ध्यान रहे यह बातें सिर्फ सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, इसलिए विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।