भारत को आजादी सालों के लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन मने मिली थी। यही वजह है कि भारत में हर जाति और धर्म के लोग स्वतंत्रता दिवस को हर्ष और उल्लास के साथ त्यौहार की तरह मनाते हैं। भारत की आजादी में कई वीरो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
उन्हीं के बदौलत भारत को आजादी मिली है, बिना उनके सहयोग के भारत को आजादी मिलना एक तरह से नामुमकिन था। यही वजह है कि 15 अगस्त का दिन हर भारतीय के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है।
आइए जानते हैं भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 के दिन से जुड़ी कुछ रोचक और महत्वपूर्ण बातें : –
- भारत को आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बेहद अहम योगदान रहा है। लेकिन भारत के पहले स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 की आजादी के जश्न में महात्मा गांधी इसमें शामिल नहीं हुए थे। जिस वक्त देश भर में आजादी का जश्न मनाया जा रहा था, उस समय महात्मा गांधी पश्चिम बंगाल के नोआखली में अनशन कर रहे थे।
- वजह यह है कि 15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी मिलने के साथ ही भारत का बंटवारा भी हो गया था भारत दो देश भारत और पाकिस्तान में बट गया था। हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक हिंसा चरम पर थी और गांधी जी को यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। वह इस संप्रदायिक हिस्सा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
- 15 अगस्त 10947 को लाल किले पर तिरंगा नही फहराया गया था। जैसा कि सभी को मालूम है स्वतंत्रता दिवस यानी कि 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर तिरंगे को फहराया जाता है लेकिन पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यानी कि 15 अगस्त 1947 को लाल किले पर तिरंगा नहीं फहराया गया था।
- लोकसभा सचिवालय के एक शोध स इस बात की जानकारी मिलती है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले पर तिरंगा को फहराया था।
- 15 अगस्त 1947 को राष्ट्रगान नही गया गया था। 15 अगस्त के दिन राष्ट्रगान का गायन हर जगह होता है। लेकिन पहली बार आजादी के दिन 15 अगस्त 1947 को राष्ट्रगान नही गाया गया था। क्योंकि तब तक भारत का अपना कोई भी राष्ट्रगान नही था।
- हालांकि ‘जन गण मन’ के रचयिता रविन्द्र नाथ टैगोर 1911 के पहले ही इसे लिख चुके थे। लेकिन इसे देश के राष्ट्रगान के तौर पर 24 जनवरी 1950 को भारत के राष्ट्रगान के तौर पर अपनाया गया था।
- भारत को 15 अगस्त को 1947 में आजादी मिलने के साथ ही एक दुखद घटना घटित हुई थी। भारत का एक हिस्सा एक नए देश के रूप में स्थापित हुआ था। आजादी मिलने के साथ ही भारत का बंटवारा भारत और पाकिस्तान के रूप में हो गया था क्योंकि मोहम्मद अली जिन्ना धर्म के आधार पर एक नए राष्ट्र की मांग कर रहे थे और उनकी मांग को ब्रिटिश शासन द्वारा मान मान लिया गया था और इसी के साथ भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हो गया था।
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- आजादी के पहले तक भारत और पाकिस्तान एक देश हुआ करते थे। अगर भारत का बंटवारा न हुआ होता तो पाकिस्तान और भारत आज एक देश होते और इससे सबसे ज्यादा खुश महात्मा गांधी होते क्योंकि महात्मा गांधी नही चाहते थे कि देश का बंटवारा हो।
- 15 अगस्त का दिन एक अन्य रूप में भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन अरविंदो घोष का जन्म हुआ था। अरविंद घोष ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।