भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान कप्तान विराट कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान ही नही है बल्कि उनके बल्ले से रनों की बौछार लगातार होती रहती है । विराट कोहली की बल्लेबाजी को देखकर यही कहा जा सकता है कि वह कभी फेल हो ही नहीं सकते । लेकिन वे भी फेल होते हैं । आईसीसी विश्व कप 2019 के सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट कोहली रन बनाने में नाकाम रहे और विराट कोहली को यह बात आज भी तकलीफ देती है ।
विराट कोहली ने इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान इस बात का खुलासा किया कि वह भी एक इंसान है और उन्हें भी हार जीत से फर्क पड़ता है । कोहली ने कहा कि जब टीम के लिए किसी मौके पर वे फेल होते हैं तो उन्हें तकलीफ होती है ।
विराट कोहली ने कहा क्या नाम नाकामी का मुझ पर असर पड़ता है ..? हां .. मेरे ऊपर असर पड़ता है । हर किसी को पड़ता है । आखिर में हर चीज के साथ मुझे यह पता है कि टीम को मेरी जरूरत होती है । आईसीसी विश्व कप 2019 सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ नाकाम होने पर विराट कोहली ने कहा “मेरे दिमाग में इस बात की बेहद भरोसे वाली फीलिंग थी कि मैं नॉटआउट वापस आऊंगा और भारत को अगले दौर तक पहुंचाने में कामयाब रहूंगा ।
लेकिन शायद यह मेरा ईगो था जो ऐसा कर रहा था क्योंकि आप ऐसी किसी चीज के बारे में कैसे बोल सकते हैं । आपके अंदर वह स्ट्रोक फीलिंग हो सकती है या फिर आपके अंदर इसको करने की मजबूत इच्छा” ।
विराट कोहली ने यह भी बताया कि उन्हें मैच में हारने से नफरत होती है । विराट कोहली ने कहा ‘मुझे नफरत होती है । मैं मैदान के बाहर आकर ऐसा नहीं कहना चाहता कि मैं ऐसा कर सकता था । जब भी मैं मैदान पर कदम रखता हूं तो यह एक सम्मान की बात होती है । जब मैं वापस आऊं तो चाहता हूं मेरे अंदर उर्जा शून्य रहे । चाहत यही है कि अपने भविष्य के क्रिकेटरो के लिए मैं एक ऐसी विरासत छोड़ कर जाऊं कि वे भी कहे कि मुझे भी ऐसे ही खेलना है ।
मालूम हो कि आईसीसी विश्व कप में हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खेलों से दूर रह रहे हैं । विराट कोहली के नेतृत्व में विश्व कप के बाद से भारतीय टीम ने लगातार सात टेस्ट मैचों में जीत हासिल की है ।