मानसून के मौसम में और सर्दियों में सर्दी खासी आम समस्या है। सर्दी होने पर शहद का प्रयोग करने के लिए कहा जाता है क्योंकि सर्दी खांसी में शहद काफी असरदार होती है। भारत में सदियों से सर्दी खांसी होने पर शहद में अदरक और तुलसी का इस्तेमाल लंबे समय से होता आ रहा है।
ऐसी कई सारी आयुर्वेदिक चीजें होती हैं जो विभिन्न बीमारियों के इलाज में बहुत असरदार होते हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौर में भारतीय आयुर्वेद का डंका पूरी दुनिया में बजने लग गया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ ने अपने शोध के आधार पर इस बात को साबित किया है कि सर्दी खांसी की समस्या होने पर एंटीबायोटिक दवाइयों की तुलना में शहद के सेवन करना ज्यादा असरदार होता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि सर्दी खासी होने पर एंटीबायोटिक की तुलना में शहद खाना बेहतर होता है। क्योंकि यह अन्य दवाइयों की तुलना में ज्यादा असरदार होता है। बता दें कि लंबे समय से गले की खराश, खांसी या फिर सर्दी में भी भारत में ज्यादातर इस्तेमाल की सलाह दादी नानी सदियों से देती आ रही है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने कहा है कि डॉक्टरों को चाहिए कि वह अपने मरीजों को एंटीबायोटिक दवा देने के बजाय उनकी जगह एक चम्मच शहद खाने की सलाह दें।
शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण :-
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि शहद में एंटीबैक्टीरियल रेजिस्टेंस पाया जाता है यनी की इसका मतलब यह कि यह व्यक्ति में यह बैक्टीरिया को खत्म करने की क्षमता रखता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपर रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट इनफेक्शन यानी कि ऊपरी श्वसन से जुड़े संक्रमण में शहद ज्यादा प्रभावकारी होता है।
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यह पिछले कई शोधों में साबित भी हुआ है कि शहद में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल गुण की वजह से यह एंटीबायोटिक की तुलना में कहीं ज्यादा असरदार होता है। सामान्य तौर से शहर में सर्दी खांसी और गले में जलन या भारीपन को खत्म करने के लिए शहद को ही बेहतर माना जाता है।
शहद का इस्तेमाल करने से इन सारी समस्याओं से निजात मिल जाता है साथ ही अगर सामान्य सर्दी खांसी और गले की समस्या में कोई भी दवा ली जाती है तब उसके साइड इफेक्ट होते हैं लेकिन शहद का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं पाया जाता है।
शोध में पाया गया है कि खांसी होने पर एंटीबायोटिक की तुलना में शहद 36% ज्यादा बेहतर होता है और यह कफ होने की संभावना को 44% तक कम कर देता है। इसके अलावा शोध में यह भी पाया गया है कि दवा से खांसी को सही करने में ज्यादा समय लगता है जबकि अगर खांसी में शहद का सेवन किया जाए तो दवा की तुलना में जल्दी आराम मिल जाता है।
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गंभीर खांसी में भी अगर शहद को नियमित रूप से लिया जाए तो 2 दिन में ही खांसी सही हो सकती है। यह शोध ब्रिटेन के मेडिकल जनरल में प्रकाशित हुआ है जिसमें शहद के कई गुण के बारे में बताया गया है और यह भी बताया गया है कि सर्दी खांसी के लक्षण को कम करने और बार बार सर्दी खासी होने से रोकने में शहद बहुत मददगार है।