ब्रेन ट्यूमर को खतरनाक बीमारियों में गिना जाता है । विश्व में ब्रेन ट्यूमर के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं । ब्रेन ट्यूमर सामान्य ट्यूमर से अलग होता है, इसलिए इसके लक्षणों की सही जानकारी हर किसी को मालूम होना जरूरी है ।
विशेषज्ञों के अनुसार हर ब्रेन ट्यूमर एक जैसा नहीं होता है । मस्तिष्क में किसी भी चीज की जब वृद्धि होने लगती है तब वह खतरनाक बन जाती है और बाद में यही चीज ब्रेन ट्यूमर का रूप ले लेती है । ब्रेन ट्यूमर के मरीज दो प्रकार से होते हैं – पहला कैंसर के ट्यूमर और दूसरा कैंसर रहित ट्यूमर ।
ज्यादातर देखा जाता है 20 से 40 साल की उम्र के लोगों में ब्रेन ट्यूमर कैंसर रहित होता है । वहीं जिन लोगों की उम्र 50 साल से अधिक होती है उन लोगों में कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना अधिक होती है । कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर की तुलना में कैंसर रहित ब्रेन टयूमर थोड़ा धीमी गति से बढ़ता है । एक सामान्य इंसान हर प्रकार के ट्यूमर को कैंसर से ही जोड़ कर देखता है लेकिन हर ट्यूमर कैंसर कारक नहीं है ।
लेकिन ट्यूमर कोई भी हो खतरनाक होता है, जिसमें सबसे खतरनाक बीमारी है ब्रेन ट्यूमर । यह मस्तिष्क के साथ ही पूरे शरीर को प्रभावित करता है क्योंकि मस्तिष्क के द्वारा ही पूरे शरीर का संचालन होता है ।
ब्रेन ट्यूमर ज्यादातर दिमाग के अंदर होता है और जब इसका आकार बढ़ने लगता है तो मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है और इस दबाव की वजह से ही सिर दर्द, उल्टी, जी मिचलाना और दृष्टि से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलते हैं ।
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इसके अलावा बोलने और चलने में भी समस्या होती है । इन बातों को ब्रेन ट्यूमर के लक्षण के तौर पर जाना जा सकता है । कभी-कभी ब्रेन ट्यूमर की वजह से सिर में पानी भी इकट्ठा हो जाता है इसे चिकित्सीय भाषा में हाइड्रोसेफिल्स के नाम से जानते है ।
यहां स्थिति काफी खतरनाक मानी जाती है । इसमें मरीज की जान जाने की भी संभावना रहती है । ब्रेन ट्यूमर का इलाज काफी चुनौती भरा होता है ।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण : –
ट्यूमर के लक्षण के तौर पर बोलते समय अटकना, सर दर्द, मानसिक तथा व्यक्तिगत तनाव, फोकस में परेशानी आदि है ।
ब्रेन ट्यूमर को ले कर सबसे बड़ा सवाल लोगों के जेहन में होता है कि क्या ब्रेन ट्यूमर के लिए सर्जरी करवाना जरूरी है ? तो इसका जवाब है – “नहीं’ । अगर ब्रेन ट्यूमर अपने आखिरी स्टेज में न हो तब सर्जरी करवाना जरूरी नहीं है ।
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आज के आधुनिक समय में चिकित्सा जगह काफी उन्नति कर लिया है और आधुनिक विधियों से इसका इलाज आसान हो गया है । अगर ब्रेन ट्यूमर अपने आखिरी स्टेज में नहीं होता है तो माइक्रो सर्जरी, इमेज गार्ड सर्जरी, एंडोस्कोपिक सर्जरी आदि के जरिए इलाज किया जाता है हालांकि यह विकल्प पूरी तरीके से सुरक्षित नहीं होते हैं । क्योंकि कई बार इनके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं ।
सावधानी – मोबाइल को अपने तकिए के पास रखने वाले लोगों को सावधान हो जाना चाहिए । एक शोध से पता चला है कि 10 साल से भी ज्यादा समय तक मोबाइल का इस्तेमाल करने से लोगों में ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा करीब 33% तक बढ़ जाता है ।
इसलिए कभी भी सोते वक्त मोबाइल पास नहीं रखना चाहिए और जरूरत होने पर ही मोबाइल का इस्तेमाल करना चाहिए । बेवजह इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ।