आज के दौर में अधिकतर लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने लगे हैं और आए दिन नई नई समस्याओं से रूबरू होते रहते हैं। हो सकता है कि आपके किसी दोस्त ने यह जरूर बताया होगा कि रात में सोने से पहले स्मार्टफोन को चार्जर पर नही लगाना चाहिए।
वही कुछ लोगों का कहना है कि जितनी ज्यादा मेगापिक्सल का कैमरा होगा उतनी ही अच्छी फोटो आती है और ज्यादातर लोग इन बातों को सच मानते हैं तो आइए जानते हैं स्मार्टफोन से जुड़ी आठ ऐसी अफवाह के बारे में जिन्हें ज्यादातर लोग सच मानते हैं –
स्मार्टफोन के कैमरे :-
आपने ज्यादातर लोगों से मुंह से यही सुना होगा कि फला फोन का कैमरा बहुत ही बेहतरीन है क्योंकि उस फोन के कैमरे का मेगापिक्सल 20मेगापिक्सल या 48मेगापिक्सल या 64 मेगापिक्सल है, लेकिन सच तो यह है कि किसी भी फोटो की क्वालिटी कैमरे के मेगापिक्सल पर कभी ही नही निर्भर करती है, बल्कि किसी भी फोटो को बेहतर ढंग से लेने के लिए मेगापिक्सल के साथ-साथ अपार्चर जैसी चीजें ज्यादा जिम्मेदार होती हैं।
स्मार्टफोन की बैटरी :-
ज्यादातर स्मार्टफोन की बैटरी को लेकर लोग झूठे अफवाह वाली बातें करते रहते हैं जैसे कि किसी स्मार्टफोन को तभी चार्ज करना चाहिए जब वह पूरी तरीके से डिस्चार्ज हो जाए ।
पहली बार अगर स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सबसे पहले उसे फुल चार्ज कर ले या स्मार्टफोन से जुड़ी एक सबसे बड़ी अफवाह है कि जितनी ज्यादा एमएच की बैटरी होगी उतनी ही ज्यादा देर तक बैटरी चलेगी और एक दूसरी सबसे बड़ी अफवाह है कि स्मार्टफोन की बैटरी हमेशा ओरिजिनल चार्जर से ही चार्ज करना चाहिए नही तो स्मार्टफोन की परफॉर्मेंस पर असर होता है, लेकिन हकीकत यह है कि इनमें से कोई भी बात सच नही है यह सिर्फ अफवाह है।
स्मार्ट फोन का ब्राइटनेस :-
आजकल बाजार में नए नए स्मार्टफोन लांच हो रहे हैं और जितने ही लेटेस्ट स्मार्टफोन आ रहे हैं सब में ऑटो ब्राइटनेस के विकल्पों में मिल रहे हैं।
ऑटो ब्राइटनेस का मतलब होता है कि जब आप धूप में होंगे तो डिस्प्ले की ब्राइटनेस अपने आप तेज हो जाएगी और छांव में होंगे तो ब्राइटनेस अपने आप बैलेंस हो जाएगी।
इस तरह से कई लोग यह भी मानते हैं कि ब्राइटनेस को ऑटो मोड पर रखने से स्मार्ट फोन की बैटरी ज्यादा खत्म होती है लेकिन यह सारी बातें महज अफवाह है इनमे बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है।
स्मार्टफोन में थर्ड पार्टी ऐप :-
अक्सर आपने किसी न किसी के मुंह से यह जरूर सुना होगा कि थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप को फोन में डाउनलोड कर लेने से फोन में वायरस आ जाते हैं लेकिन मालूम हो कि सबसे ज्यादा वायरस फोन में गूगल प्ले स्टोर से ही आता है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 70 फीसदी भी ज्यादा वायरस गूगल प्ले स्टोर से आता है। इस बात का खुलासा नार्दन लाइवलॉक और IMDEA ने भी किया है। इन दोनों संस्थाओं ने संयुक्त रूप से रिपोर्ट जारी करके कहा है कि स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा वायरस गूगल प्ले स्टोर से ही पहुंचता है।
हम गूगल प्ले स्टोर से जो भी एप्स डाउनलोड करके इंस्टॉल करते हैं उनमें किसी न किसी तरह के मालवेयर होते हैं और इस तरह से हमारे स्मार्ट फोन में वायरस आ जाता है।
स्मार्ट फोन की चार्जिंग :-
बहुत लोगों को यह कहते आपने जरूर सुना होगा कि स्मार्टफोन को रात में चार्जिंग पर नही लगाना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से बैटरी खराब हो जाती है।
लेकिन यह सिर्फ अफवाह है। सच्चाई यह है कि स्मार्टफोन के फुल चार्ज होने के बाद चार्जर करंट लेना बंद कर देता है। इसलिए रात भर चार्ज पर लगाने से परेशानी की कोई बात नहीं होती है।
बैकग्राउंड एप :-
अक्सर आपने कुछ लोगों को यह कहते सुना ही होगा कि बैकग्राउंड में चलने वाले ऐप को बंद कर देना चाहिए नही तो बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है और स्मार्ट फोन हैंग होने लगता है। लेकिन बैकग्राउंड में ऐप चल रहे हैं तो वह तेजी से खुलते हैं जिसका फोन के हैंग होने में कोई रोल नहीं होता है।
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स्मार्टफोन का चार्जर :-
अक्सर लोग यह सलाह देते हैं कि फोन के साथ मिले चार्जर से ही स्मार्ट फोन को चार्ज करें दूसरे चार्जर का इस्तेमाल न करें। लेकिन यह बात भी पूरी तरीके से महज अफवाह है।
दूसरी कंपनी के चार्जर से चार्ज कर सकते हैं बशर्ते कि इस बात का ध्यान रखें कि दूसरे कम्पनी के चार्जर की चार्ज करने की क्षमता आपके फोन के चार्जर के बराबर ही हो। आजकल तो यह भी देखा जा रहा है कि एप्पल ने फोन के साथ चार्जर देना बंद कर दिया है।
स्मार्ट फोन में सिग्नल :-
आजकल स्मार्टफोन के नेटवर्क के सिग्नल को लेकर भी लोगों में अफवाह देखने को मिल रही है। लोगों का यह मानना है कि स्मार्टफोन में जितने सिग्नल नजर आ रहे हैं उतना ही बेहतर नेटवर्क है।लेकिन सच्चाई यह नही है।
सिग्नल की क्वालिटी डेसीबल पर ज्यादा निर्भर करती है। इसलिए आपने कई बार ध्यान दिया होगा कि एक सिग्नल होने के बावजूद कई बार आराम से बात हो जाती है वही पांच सिग्नल होने के बाद भी फोन बार बार कट जाता है।