रूस के राष्ट्रपति पर एक बार फिर से अपने विरोधी की जान लेने की कोशिश का आरोप लगाया जा रहा है। इसके पहले भी रूस में रूस के राष्ट्रपति पुतिन और उनकी सरकार पर आरोप लगते रहे हैं। रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जान से मारने की कोशिश उनके अपने ही देश मे की गई है।
अब यह आरोप रूस के राष्ट्रपति पर लगाया गया लगाया जा रहा है। बता दें कि इसके पहले भी इस तरह की घटनाओं को दूसरे देशों में अंजाम दिया जा चुका है। ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इनका राजनीतिक कद काफी बड़ा है।
ब्रिटेन हुआ रूस के खिलाफ :-
रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नबलनी पर किए गए जानलेवा हमले के बाद एक बार फिर से ब्रिटेन रूस के खिलाफ हो गया है। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और गुरुवार को ही जर्मनी के एक एनजीओ ने उनको लाने के लिए डॉक्टर की टीम और जान बचाने वाले सभी जरूरी सामान के साथ एयर एंबुलेंस रूस के ओस्क भेज दी थी ।
इन्हें शुक्रवार को जर्मनी के बर्लिन चैरिटी अस्पताल ला कर उनका इलाज किया जा रहा है। बता दें कि नवलनी को चाय में जहर देकर मारने की कोशिश की गई है। यह उस वक्त हुआ है जब वह साइबेरिया से विमान के जरिए वापस लौट रहे थे और अचानक से उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करा कर उन्हें अस्पताल में ले जाया गया जहां पर वे आईसीयू में रखे गए हैं और कोमा की स्थिति में है।
पुतिन के विरोधी है अलेक्सी नवलनी :-
बताया जा रहा है कि नवलनी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के घोर विरोधी हैं। उन्होंने साल 2008 में एक ब्लॉग लिखकर रूसी राजनीति और सरकारी कंपनियों में चल रही धांधलियों को सामने लाया था। यही वजह रही है कि उनकी वजह से ही कई बार रूस की सरकार में शामिल नेताओं और उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों को अपने पद से इस्तीफा दे भी देना पड़ गया था।
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वह सरकार के खिलाफ ब्लॉग लिखने और रूस के संसद के बाहर सरकार विरोधी रैली करने के लिए साल 2011 में पहली बार गिरफ्तार किए गए थे, तब उन्हें 15 दिन की सजा दी गई थी। उन्होंने सरकार की कारगुजारी को उजागर करने में सोशल मीडिया का भी सहारा लिया और सोशल मीडिया पर कई सारी तस्वीरें और पोस्ट को लिखकर सरकार की कमियों को उजागर किया था।
जब से वह जेल से बाहर आए उन्होंने सरकार के खिलाफ अपनी मुहिम छेड़ दी। जब साल 2012 में व्लादिमीर पुतिन दोबारा से राष्ट्रपति चुने गए तब मास्को के मेयर का चुनाव अलेक्सी नवलनी ने लड़ा था। वह चुनाव में तो हार गए थे लेकिन सरकार विरोधी माहौल बनाने में सफल हो गए थे।
सरकार के विरोध में नारे लगाने की वजह से कई सरकारी मीडिया ने नवलनी पर बैन लगा दी थी। तब उन्होंने लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया और अपने तीखे व्यंग के जरिए सरकार पर हमला करने लगे।
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जब पुतिन राष्ट्रपति बने तब नवलनी के खिलाफ उन्होंने अपराधिक मामले की जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की और किरोव शहर में आगजनी के आरोप में उन्हें कमेटी द्वारा 5 साल की सजा सुनाई गई। लेकिन उच्च अदालत में सजा की पुष्टि न होने की वजह से उनकी सजा को निलंबित कर दिया गया।
इनके नेतृत्व में रूसी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में कई सारी रैलियां आयोजित की जा चुकी हैं और इस दौरान 1000 से भी ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
एक रैली के दौरान इन पर हमला किया गया और इनके आंख पर केमिकल डाइ फेंक दी गई थी जिसकी वजह से इनकी आंख की कॉर्निया को नुकसान पहुंचा था और वह अपने इलाज के लिए बाहर जाना चाहते थे लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी। तब रूसी राष्ट्रपति के दफ्तर से जुड़ी एक मानवाधिकारी परिषद की दखल के बाद उन्हें स्पेन जाकर अपनी आंख का ऑपरेशन कराने की इजाजत मिल पाई थी।
साल 2018 में हुए राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के अभियान की औपचारिक शुरुआत 2016 में कर दी थी लेकिन उनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगा दिए गए और इस वजह से वह चुनाव नही लड़ सके। उनके समर्थकों का कहना है कि उन पर इस तरह के आरोप चुनाव से उन्हें अलग रखने के लिए लगाए गए थे और यह सब राजनीति से प्रेरित काम था।