कोलेस्ट्रॉल का नाम सुनते ही मन में ख्याल आता है कि यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कोलेस्ट्रॉल पूरी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नही होता है।
सच्चाई यह है कि हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल को खुद ही बनाता है। यह कैलेस्ट्रोल हमारे शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों और कई सारे महत्वपूर्ण हार्मोन के निर्माण के लिए आवश्यक तत्व है।
हालांकि गलत जीवन शैली और अनियमित भोजन की आदतों जैसे कुछ कारक की वजह से शरीर मे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल एक लिपिड है, जो हमारे शरीर में मौजूद ही मौजूद होता हैं जैसे कि हमारे शरीर मे फैट(वसा) है। हमारा शरीर कैलोरी को लिपिड में परिवर्तित करने का काम करता है और बाद में उपयोग के लिए भी बचाता है।
शरीर में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं: कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) और उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीआर) ।
वर्तमान स्थिति ऐसी हो गई है कि ज्यादातर लोग कम उम्र में ही कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्या से पीड़ित हो रहे हैं। इससे पहले देखा जाता था कि इस तरह की समस्या ज्यादातर 40 वर्ष से अधिक उम्र के बड़े वयस्कों के लिए परेशानी का कारण बनती थी।
हालांकि बदलते समय के साथ यह स्वास्थ्य समस्याऐ अब बच्चों में भी आम हो गई हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौर में, किसी को इस तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आइये जानते है कैलेस्ट्रोल से जुड़ी कुछ बाते –
कोलेस्ट्रॉल के बारे में क्यों चिंतित होना चाहिए –
कोरोनरी हार्ट डिजीज होने के कई कारक जिम्मेदार होते हैं, और उच्च कोलेस्ट्रॉल दिल का दौरा या स्ट्रोक होने के जोखिम को बढ़ाने वाले महत्वपूर्ण कारणों में से एक है। पिछले 40-50 वर्षों में कई बड़े परीक्षणों ने उच्च कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज होने के जोखिम के बीच सकारात्मक संबंध दिखाया है।
“अच्छा” और “बुरा” कोलेस्ट्रॉल –
जैसा कि नाम से पता चलता है, अच्छा कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल कोलेस्ट्रॉल) हमारे स्वास्थ्य के लिए मददगार कोलेस्ट्रॉल है और यह किसी को भी दिल का दौरा पड़ने से बचाता है। इसलिए हर किसी को एचडीएल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
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दूसरी ओर, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL कोलेस्ट्रॉल) दिल की धमनियों की दीवारों पर सजीले टुकड़े के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है, जिससे उनकी संकीर्णता बढ़ने लगती है और इसलिए LDL कोलेस्ट्रॉल को कम किया जाना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल अधिक है –
कैलेस्ट्रोल का स्तर 250 से ऊपर होना कोलेस्ट्रॉल की वजह से दिल की बीमारी के होने के खतरे को बढ़ाता है। शरीर मे कैलेस्ट्रोल बढ़ने पर खून गढ़ा हो जाता है फिर उसकी वजह से आर्टरी ब्लॉकेज, स्ट्रोक्स, हार्ट अटैक जैसी समस्या हो सकती है। एक सामान्य स्वास्थ्य शरीर मे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200mg/dL से कम रहनी चाहिए
कोलेस्ट्रॉल कम करने से दिल का खतरा कम रहेगा –
कई अध्ययनों से पता चला है कि किसी के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, या तो जीवनशैली में बदलाव या कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाओं के सेवन से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम कम होता है।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर क्यो बढ़ जाता है –
कुछ व्यक्तियों में यह वंशानुगत हो सकता है। कई सारे शोध में पाया गया है कि उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर कभी-कभी एक आनुवंशिक प्रवृत्ति के चलते पीढ़ी दर पीढ़ी यह समस्या रहती हैं।
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दूसरे लोगो में, यह एक लाइफस्टाइल से जुड़ा मुद्दा है। ज्यादातर आसीन जीवन शैली, मोटापा या अधिक वजन, शारीरिक गतिविधि की कमी और उच्च वसा या कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले आहार, ये सभी शरीर मे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए ये उपाय करें –
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है जीवनशैली में बदलाव किया जाए। इसके लिए जरूरी है कुछ न कुछ शारीरिक गतिविधि या व्यायाम नियमित रूप से की जाए, इसके अलावा अगर वजन अधिक है तो अपने वजन को कम करे , कम वसा वाला आहार ले।
अगर कोलेस्ट्रॉल अधिक है तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार इसे कम करने वाली दवाएं ले हैं, स्टैटिन दवा न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है बल्कि दिल का दौरा पड़ने के जोखिम को भी कम करता है।