हर साल 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है। यह एक याददाश्त से जुड़ी बीमारी है। अक्सर देखा जाता है कि लोग अपनी भूलने की आदत को नजरअंदाज कर देते हैं।
लेकिन बढ़ती उम्र के साथ आदत अल्जाइमर जैसी बीमारी का कारण बन जाती है। इसलिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है।
कुछ लोगों को कभी कभी यह कहते देखा जाता है कि एक दिन पहले जो व्यक्ति उनसे मिलने आया था उसका उन्हें नाम याद नहीं है या फिर ऐसा लगता है कि जैसे किचन में दूध चढ़ाकर भूल गए हो या फिर ऑफिस में मोबाइल छोड़ गए हो।
पहले अपने चिरपरिचित दोस्तों का बर्थडे, फोन नंबर जैसे छोटी छोटी चीजें जुबानी याद रहती थी लेकिन अब इन्हें याद रखना हम जरूरी नही समझते हैं और पूरी तरीके से टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गए हैं। लेकिन इससे दिमाग की सेहत पर नुकसान पहुंच रहा है। इसी की वजह से रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातों में हम भूल जाते हैं।
भुलक्कड़पन की एक वजह यह भी है कि लोग इस दिनों सोशल मीडिया साइट पर बिजी रहते हैं और किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेते हैं और बातों को याद रखने की जरूरत नहीं समझते हैं।
पहले लैंडलाइन के जमाने में नंबर को याद रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। लेकिन आज मोबाइल में लगभग सभी प्रकार की सूचनाओं को सेव कर लिया जाता है और रिमाइंडर लगा देते हैं। अगर कोई चीज भूल भी जाते हैं तब गूगल सर्च कर लेते हैं।
दरअसल हमारा दिमाग एक मशीन की तरह होता है जिसका जितना ज्यादा इस्तेमाल किया जाए यह उतनी ही तेजी से काम करता है। हमारी याददाश्त भी इसी से जुड़ी हुई है।हम जितना ज्यादा कोई भी चीज याद करेंगे हमारी याददाश्त अच्छी लगती है।
याददाश्त कमजोर होने के टेक्नोलॉजी के अलावा अन्य कारण भी हैं जो इस प्रकार से हैं –
नींद :-
अच्छी सेहत के लिए 8 घंटे की नींद जरूरी होती है लेकिन अगर युवा पीढ़ी औसत 5 से 6 घंटे की पर्याप्त नींद ले तब भी काम चल जाता है लेकिन अगर इससे कम नींद लेते हैं तब इससे उनके दिमाग पर असर पड़ता है और याददाश्त की क्षमता प्रभावित होती है। इसलिए शरीर और दिमाग को सेहतमंद बनाने के लिए 8 घंटे के लिए जरूर ले।
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अमेरिका के पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के एक शोध में कहा गया है कि नियमित रूप से वॉक करने, एक्सरसाइज करने और अन्य दूसरी शारीरिक गतिविधियां करने से ब्रेन में हिप्पोकैम्पस नाम का हिस्सा सक्रिय हो जाता है और यहीं पर हमारी सारी मेमोरी सुरक्षित रहती है। जब यह सिकुड़ने लगता है तब हमारी याददाश्त कमजोर होने लगती है।
याददाश्त को बेहतर करने के लिए कुछ अनोखी तरीकों को अपनाया जा सकता है जैसे :-
बार–बार दोहराए :-
अक्सर देखा जाता है कि जब हम किसी से मिलते हैं तब अगले दिन हम उसका नाम भूल जाते हैं। तब ऐसे में यदि अगर किसी से पहली बार मिले तो उसके नाम को याद रखना है तब दो से तीन बार मन में उस नाम को होहराये और उस व्यक्ति से कम से कम 5 मिनट तक बातचीत करें और हर बार उसके नाम से उसे संबोधित करें। इससे उस व्यक्ति का नाम रखने में आसानी होगी।
शब्दों को इमेज में बदलें :-
अगर कोई नाम पहली बार सुले तब उससे उसके अर्थ को जोड़ने या फिर कोई भी घटना को जोड़ने की कोशिश करें। इससे नाम को आसानी से याद किया जा सकेगा। इसके अलावा हिंदी से अंग्रेजी में मजेदार ढंग से अनुवाद करके भी लोगों का नाम याद रखा जा सकता है।
जरूरी तारीख को लिंक से जोड़ें :-
जब हम अपने दोस्तों और परिजनों के शादी की सालगिरह और जन्मदिन को याद नहीं कर पाते हैं तब इसे दूसरे तरीके से भी याद रख सकते हैं जैसे कि एक ही महीने में दो से तीन लोग का जन्मदिन पड़ता है तब और से एक दूसरे से जोड़कर याद रखने में आसानी होती है।
व्यवस्थित रहे :–
अक्सर देखा जाता है कि हम अपनी चीजें इधर उधर रख कर भूल जाते हैं और बाद में उन्हें ढूंढने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है ऐसे में काफी समय भी खराब होता है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए जो सामान जहां से उठाये उसे वापस भी वही पर रखने की आदत डालें, इससे भूलने की आदत में भी सुधार हो जाता है।
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